एक भक्त भी छूट गया
मानो अभियान टूट गया
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हमारा प्यारा शाकम्भरी परिवार....
माता शाकम्भरी की सेवा मे समर्पित
इस संसार में जो भी घटित होता है वह सिर्फ एक ही महाशक्ति के आदेश से संचालित हैं और वह महाशक्ति है महादेवी जगदम्बा। माँ जगदम्बा के आदेश के बिन इस संसार में एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
यह घटना सन् 2016 के पूर्वाद्ध की है जब भगवती के प्रमुख स्वरूप श्री शाकम्भरी के कुछ लाडलों को माता द्वारा प्रेरणा एवं आदेश प्राप्त हुआ कि उन्हें मैया के दिव्य स्वरूप को ज्योत रूप में घर घर दर्शन कराना है, जिसके फलस्वरूप एक महाआयोजन निश्चित किया गया एवं इसे श्री शाकम्भरी दिव्य गुणगान यात्रा 2016-2017 नामित किया गया।
श्री शाकम्भरी दिव्य गुणगान यात्रा एक उतकृष्ठ महाआयोजन था जिसमे शाकम्भरी भक्तों द्वारा मैया की चार दीपक रूप अखंड ज्योत को मुख्य पीठ सकराय जी (राजस्थान) से प्रज्जवलित कर के पूरे भारतवर्ष में भ्रमण कराया गया था। यह यात्रा एक अतिभव्य आयोजन के साथ 08 नवंबर 2016 को सकराय धाम से निकाली गई थी जिसमें सम्पूर्ण भारतवर्ष के हजारों शाकम्भरी भक्तों ने नाचते गाते हुए दिव्य रथ को रवाना किया था।
यात्रा के दौरान दिव्य रथ ने 13 राज्यों के सैकड़ों से अधिक स्थानों का भ्रमण किया जहां स्थानीय भक्तों ने हर्ष और उत्साह के साथ माता के स्वागत में भव्य आयोजन किये। यह यात्रा कुल 64 दिनों की थी जो कि 08 नवंबर 2016 को प्रारंभ हो कर 12 जनवरी 2017 (शाकम्भरी जयंती) को एक अति भव्य आयोजन के साथ सम्पन्न हुई। इस महायात्रा ने सम्पूर्ण भारतवर्ष में माता के प्रचार का अलख जगाया और सभी शाकम्भरी भक्तों को आपस मे मिलवाया।
यात्रा के सफल आयोजन के लिए लगभग एक साल तक वृहद् रूप में तैयारियां की गईं। इस आयोजन के लिए एक बहुस्तरिय समिति का गठन किया गया था जिसमे प्रमुख रूप से यात्रा संयोजक, कोर कमिटि, राज्य कमिटि, एवं लोकल कमिटि मुख्य थीं जिनको पूरी यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह पूरी यात्रा सम्पूण भारतवर्ष के सभी शाकम्भरी भक्तों के परस्पर सहयोग से सम्पन्न हुई जिसमें सारे शाकम्भरी जगत का अतुल्य योगदान रहा है।